भारतवर्ष में यूनानी विधा प्राचीन समय से प्रचलित है, यह विधा यूनान (ग्रीक) से अरब होते हुये भारतवर्ष में प्रचलित हुयी। यहां जड़ी बूटियों का समूह पाया जाता है इसलिये यह विधा यहां बहुत लोकप्रिय / लाभकारी सिद्ध हुयी।
यूनानी चिकित्सा पद्धति के समुचित प्रचार-प्रसार तथा नियंत्रण के लिये 11 अक्टूबर, 2008 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पृथक यूनानी निदेशालय की स्थापना की गयी।
प्रदेश में 02 राजकीय यूनानी मेडिकल कालेज एवं उनसे सम्बद्ध 100 शैय्यायुक्त चिकित्सालय संचालित है।
राजकीय यूनानी मेडिकल कालेज जनपद-लखनऊ एवं प्रयागराज में स्थित है। राजकीय तकमील उत्तिब कालेज लखनऊ, (स्थापित 1902 ई०) लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ एवं राजकीय यूनानी मेडिकल कालेज प्रयागराज, (स्थापित 1904 ई०) प्रो० राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज से सम्बद्ध है। सत्र 2021-22 से महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर से सम्बद्ध है।
राजकीय यूनानी महाविद्यालय में स्नातक उपाधि हेतु भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (NCISM), नई दिल्ली (पूर्व नाम-केन्द्रीय भारतीय चिकित्सा परिषद (CCIM) द्वारा निर्धारित साढ़े पांच वर्षीय बी०यू०एम०एस० पाठ्यक्रम एवं स्नातकोत्तर उपाधि हेतु एम०डी०/एम०एस० (यूनानी) पाठ्यक्रम संचालित है।
दोनों राजकीय यूनानी मेडिकल कालेज में स्नातक पाठ्यक्रम में छात्र/छात्राओं की कुल प्रवेश क्षमता 150 है।
दोनों राजकीय यूनानी मेडिकल कालेज में परास्नातक पाठ्यक्रम में कुल प्रवेश क्षमता 72 है।
प्रदेश में 13 निजी यूनानी कालेज संचालित है, जो लखनऊ (03), सहारनपुर (03) एवं अलीगढ़, गाजीपुर, आजमगढ़, मुजफरनगर, मथुरा, फतेहपुर एवं सम्भल में 01-01 कालेज संचालित है, जो निकटतम क्षेत्रीय विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। सत्र 2021-22 से महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर से सम्बद्ध है।
उक्त निजी कालेजो में कुल प्रवेश की क्षमता स्नातक 730 सीट एवं परास्नातक 30 सीट है।
राजकीय यूनानी चिकित्सालयों की कुल संख्या-254 है। जिसमे शहरी चिकित्सालयों की संख्या-24 एवं ग्रामीण चिकित्सालयों की संख्या-230 है।
प्रदेश में 13 निजी यूनानी कालेज संचालित है, जो लखनऊ (03), सहारनपुर (03) एवं अलीगढ़, गाजीपुर, आजमगढ़, मुजफरनगर, मथुरा, फतेहपुर एवं सम्भल में 01-01 कालेज संचालित है, जो निकटतम क्षेत्रीय विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। सत्र 2021-22 से महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर से सम्बद्ध है।
उक्त निजी कालेजो में कुल प्रवेश की क्षमता स्नातक 730 सीट एवं परास्नातक 30 सीट है।
राजकीय यूनानी चिकित्सालयों की कुल संख्या-254 है। जिसमे शहरी चिकित्सालयों की संख्या-24 एवं ग्रामीण चिकित्सालयों की संख्या-230 है।
प्रदेश में समय समय पर आयोजित आरोग्य मेला, लखनऊ महोत्सव, देवा मेला एवं जनपद बरेली एवं जनपद अम्बेडकर नगर में आयोजित उर्स आदि अवसरों पर जनमानस को यूनानी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने एवं समय-समय पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन यूनानी विधा के प्रचार-प्रसार तथा मरीजों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु किया जाता है।
आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड उ०प्र० लखनऊ में दिनांक 08.04.2022 तक पंजीकृत चिकित्सक / हकीमों की कुल संख्या-16,004 है।
यूनानी विभाग के अन्तर्गत जनपद लखनऊ में राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि निर्माणशाला स्थापित हैं। उक्त संस्था द्वारा औषधियों का निर्माण कर प्रदेश में स्थापित राजकीय यूनानी चिकित्सालयों/ अस्थाई रूप से आयोजित कैम्पों में औषधियां उपलब्ध करायी जाती है।
यूनानी विभाग के अन्तर्गत 326 निजी फार्मेसियां स्थापित है, जिसमें 187 जी०एम०पी० धारक है।